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धनबाद में बच्ची की नरबलि पर नया खुलासा, तांत्रिक ने पिता से लिए थे भेड़-मुर्गा; हत्यारा अभी भी दूर

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द फॉलोअप डेस्क
धनबाद में 2 साल की मासूम लक्ष्मी नरबलि दिए जाने के मामले में नया खुलासा हुआ है। मृतका के पिता गुजर महतो का कहना है कि तांत्रिक विश्ववनाथ ने उससे भेड़ और मुर्गा लिया था। पीड़ित पिता का कहना है कि विश्ववनाथ ने बेटी को ढ़ूढ़ने के नाम पर भेड़ा व मुर्गा की बलि कर सपरिवार खाया। उसके बाद भी बच्ची नहीं मिली तो पुलिस से विश्वनाथ पर आरोप लगाते हुए शिकायत की। पुलिस तांत्रिक विश्वनाथ महतो से कड़ाई से पूछताछ कर रही है लेकिन अब तक हत्यारे से पुलिस अभी भी दूर है।


रात भर जागरण कर बलि दिया फिर सपररिवार खाया
पीड़ित पिता का कहना है कि 17 फरवरी को उनकी 2 साल की मासूम बेटी लक्ष्मी गायब हुई। 18 को दिन भर खेजने के बाद भी नहीं मिलने पर 19 फरवरी को गुजर ने गांव में पंचायती बुलायी। उस पंचायती में तांत्रिक विश्वनाथ महतो ने पीड़ित परिवार को आश्वस्त किया कि बच्ची को खोज निकालने में वह मदद करेगा। गुजर महतो ने बताया कि उसके बाद 20 फरवरी को विश्वनाथ अपनी पत्नी, बच्ची के दादा व गांव के युवकों को गोविंदपुर के मड़रो गांव के एक तांत्रिक के पास अगले दिन ले गये। मंडरो के ओझा ने बताया कि विश्वनाथ के गोतिया में भूत पूजा नहीं की गयी है, जिसके कारण प्रेत ने बच्ची को उठा लिया है। मंडरो वाले ओझा की बात पर विश्वनाथ ने कहा कि हमारे घर के भूत को भेड़ा व मुर्गा बलि देनी होगी। भूत के संतुष्ट हो जाने से सब कुछ ठीक हो जायेगा। भेड़ा का माथा जमीन में गाड़ देने से प्रेत आकर बच्ची को दो पेड़ों के बीच छोड़ देंगे। उसके बाद पीड़ित परिजन ने विश्वनाथ को भेड़ा व मुर्गा दिया। रात भर जागरण किया। इसके बाद बलि देकर विश्ववनाथ ने अपने पूरे परिवार के साथ मांस खाया लेकिन बेटी नहीं मिली। 


 क्षत-विक्षत अवस्था में मिली बच्ची की लाश
गौरतलब है कि शुक्रवार (2 मार्च) को मासूम बच्ची का शव क्षत-विक्षत अवस्था में राजगंज थाना क्षेत्र के महतोटांड स्थित बरडार जोरिया में मिला। जहां बच्ची का शव बरामद किया गया है वहां पूजा स्थल देवान थान है। झाड़ियों में एक पत्थर पर सिंदूर, जेनउ, चावल, मिट्टी हांडी मिली है। वहीं शव के बगल में एक मिट्टी की हाड़ी फोड़ी गई है, बच्ची के दोनों हाथ, पैर, कमर को काटकर फेंक दिया गया था, हत्या से पहले बच्ची का मुंडन किया गया था, सर पर बाल नहीं थे। खोजबीन के क्रम में पुलिस को भट्ठा के मुहाने के अंदर छिपाकर रखा रक्त लगा प्लास्टिक का बोरा मिला. बोरा के भीतर लक्ष्मी का कपड़ा, स्वेटर व कमरधनी थी।